मल्टीपोइंट कनेक्शन पर npcl से मीटिंग ।
आज विभिन्न सोसाइटी का एक दल ने मल्टीपोइंट कनेक्शन को लेकर npcl ऑफिस में npcl अधिकारियों के साथ मीटिंग करी ।
मीटिंग में कनेक्शन में हो रहे विलम्ब , लाभ हानि के बारे में जानकारी प्राप्त करि ।
मल्टी पॉइंट कनेक्शन में परिवर्तन के लिए सिर्फ कुछ बिल्डर द्वारा रूचि ली गयी है । पँचशील ग्रीन्स निवासी विकास कुमार को npcl ने बताया कि पँचशील बिल्डर द्वारा जानकारी उपलब्ध करा दी गयी है एवम 7 दिनों में सोसाइटी सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा ।
जो बिल्डर जानकारी नहीं दे रहे है उनको अंतिम रिमाइंडर भेजा जा रहा है उसके बाद उन पर कार्यवाही के लिए विद्युत् नियामक आयोग में पत्र भेज दिया जायेगा ।
जानकारी प्राप्त होने के बाद मल्टीपोइंट कनेक्शन एंड यूजर यानी उपभोक्ता के लिए लाभकारी होगा या नहीं इसपर प्रश्न खड़ा हो गया है ।
उत्तर प्रदेश विद्युत् नियामक आयोग ने अपने हाल के फैसले में सभी सिंगल पॉइंट कनेक्शन को मल्टी पॉइंट कनेक्शन में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है । जिसके लिए अंतिम तिथि 31 मार्च 2019 तय की गयी है ।
इसके लिए कुछ नियम एवम शर्ते भी तय की गयी है ।
कुछ ख़ास नियम व् शर्त निम्नलिखित है ।
1- बिल्डर को परिवर्तन के लिए अपना पूरा पैनल सेटअप npcl को देना होगा। उस सेटअप पर स्वामित्व npcl या अन्य विद्युत् कंपनी का होगा ।
2- अभी लगभग सभी सोसाइटी में मेन लाइट एवम बैकअप की सिंगल लाइन है । मल्टीपोइंट कनेक्शन के लिए बैकअप की लाइन अलग से डालनी होगी ।
3- conversation में आने वाले खर्च को बिजली कंपनी जैसे की npcl बिल्डर से वसूलेगी एवम बिल्डर यह धनराशि उपभोक्ताओं से वसूल सकता है । अनुमानित तौर पर यह राशि उतनी ही होगी जितनी बिल्डर पहले बिजली कनेक्शन के नाम पर ले चुका है ।
विभिन्न सोसाइटी में यह राशि 50 हज़ार से लेकर 1.5 लाख तक है । हालांकि अंतिम राशि क्या होगी और यह बिल्डर बायर्स से लेगा या नहीं यह अभी तय नहीं है।
4. Conversation charges के अतिरिक्त npcl मीटर की कॉस्ट भी उपभोक्ता से लेगा जो की लगभग 15 हज़ार होगी ।
5. वर्तमान सिंगल पॉइंट कनेक्शन में टैरिफ शुल्क निम्न है
...फिक्स चार्ज ...
95 rs/par kw/ par month plus tax plus 5% builder charges
.....Unit charges ....
6.10 rs par unit plus tax
Multipoint connection में यह चार्ज
Fix charges :
100 rs par kw / par month plus tax
Unit charges (par month):
Upto 150 unit 4.90 plus tax
151-300 unit 5.40 plus tax
301-500 unit 6.40 plus tax
Above 500 6.50 plus tax
औसतन 200 यूनिट की गणना करने पर कुल बचत 250 - 300 रु प्रति माह की होगी । जो की अधिक यूनिट पर आनुपातिक रूप से और कम हो जायेगी ।
इसके अलावा npcl बिल में डिस्ट्रीब्यूशन चार्ज भी जोड़ सकती है जो की 50-100 रु प्रति माह हो सकता है ।
6- npcl द्वारा सिर्फ डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट तक लाइन इत्यादि की देखभाल की जायेगी , सोसाइटी के अंदर लाइन इत्यादि की समस्या बिल्डर अथवा A.OA. को ही देखनी होगी । यानी की यदि सोसाइटी के अंदर यदि किसी फाल्ट से बिजली जाती है तो वह npcl नहीं बल्कि बिल्डर अथवा मेंटेनेंस एजेंसी देखेगी ।
इस नियम के कारण बिल्डर से पूर्ण आज़ादी संभव नहीं है ।
उपभोक्ताओं को रिपेयरिंग फाल्ट इत्यादि के लिए बिल्डर अथवा A.O.A. पर ही निर्भर रहना पड़ेगा ।
ऐसे में बिल्डर को जब 5% बिल में अतिरिक्त नहीं मिल रहे होंगे तो वो मेंटेनेंस शुल्क में वृद्धि कर सकता है । जो बचत होगी वो बिल्डर मेंटेनेंस शुल्क अधिक करके ख़त्म कर देगा । यह भी संभव है कि बिल्डर मनमानी करके शुल्क अधिक बढ़ा दे ।
7. सभी कॉमन एरिया इलेक्ट्रिसिटी , जैसे लिफ्ट , स्ट्रीट लाइट , पंप ,एसटीपी ,wtp इत्यादि के लिए एक अलग कॉमन मीटर लगेगा । जिसका भुगतान बिल्डर या A.O.A. बायर्स या निवासियो से वसूलेगी । इसके अलावा 5% से अधिक का लाइन लॉस भी इस कॉमन एरिया मीटर में जोड़ा जाएगा ।
इन सभी नियमो के प्रकाश में आने के बाद अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि यह मल्टीपोइंट कनेक्शन कैसे उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी होगा ।
सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत नहीं देकर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बायर्स पर डाल दिया है ।
सरकार को इन नियमो की पुनः समीक्षा करनी चाहिए और उपभोक्ताओं को राहत के नियम बनाने चाहिए वरना यह पूरी कवायत सिर्फ बिल्डर का लाभ विद्युत कंपनी तक पहुचने तक रह जायेगी ।
मीटिंग में पँचशील ग्रीन्स से विकास कुमार , ला रेसेडेंशिया से सुमिल जलोटा , सुपरटेक इको विलेज 2 से संजीव सक्सेना एवम गौर सिटी से जीतेन्द्र ने हिस्सा लिया ।